देवास/ किसी कंपनी में एक साधारण कर्मचारी के रूप में जो व्यक्ति सात साल पहले तक नौकरी करता हो। उसके पिता जीवन-यापन के लिए पान की दुकान चलाते हो। वो शख्स अगर अरबों का रुपये का मालिक कुछ वर्षों में बन जाए तो लोग जानना चाहेंगे कि आखिर यह करता क्या है। देवास पुलिस ने एक ऐसे ही शख्स को गिरफ्तार किया है कि जिसकी हर महीने की कमाई करीब 20 करोड़ रुपये की थी।
गिरफ्तार शख्स का नाम सिद्धार्थ चौरसिया है जो महाराष्ट्र स्थित ठाणे जिले कापूरबावडी का रहने वाला है। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर कोच्चि से भी लोगों को गिरफ्तार किया है। सिद्धार्थ के पिता पान बेचकर अपना गुजारा करते हैं। लेकिन यह ऑनलाइन एप्लीकेशन खेलो 4 विन कशीनो के जरिए लोगों को चूना लगा हर महीने करोड़ों की कमाई करता है। इसके बैंक ट्रांजेक्शन में करीब हर साल 240 करोड़ रुपये के टर्न ओवर मिले हैं।
नौकरी छोड़ शुरू किया यह काम
सिद्धार्थ के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है। उसका परिवार कुछ साल पहले तक किराए के मकान में रहता था। आरोपी सिद्धार्थ ने वर्ष 2012 में कोटक महिंद्रा बैंक में एक कर्मचारी के रूप में काम करता था। इसके बाद अचानक उसने नौकरी छोड़ दी और अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया। फिर ऑनलाइन गेम लोगों को खेलाने लगा। इसी के जरिए वह फर्जीवाड़ा कर पैसे कमाने लगा। इसी कमाई से वह कई स्थानों पर जमीन और फ्लैट लिए। कार खरीदी और हॉलैंड कामर्शियल पॉश एरिया में ऑफिस खरीदकर वह उसका मालिक बन गया।
विदेश यात्राएं कीं
जैसे-जैसे ऑनलाइन ठगी का उसका कारोबार बढ़ता जा रहा था, वैसे-वैसे लाइफस्टाइल में भी परिवर्तन हो रहा था। वह अब विदेश यात्राएं करने लगा था। वह एक साल में दर्जनों विदेश यात्राएं करता था। साथ ही कई लग्जरी कार भी उसने खरीद ली थी। लेकिन अपराध की दुनिया में आगे बढ़ता जा रहा था। आरोपी सिद्धार्थ चौरसिया पर मेरठ में हत्या के प्रयास का मामला भी दर्ज है।
दूसरे राज्यों में फैला नेटवर्क
सिद्धार्थ चौरसिया और उसकी गैंग के द्वारा मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंंजाब, उत्तर प्रदेश , दिल्ली, पश्चिम बंगाल में कई लोगों का विश्वास जीतकर उनके साथ धोखाधड़ी की है। आरोपी ने इन्फोकॉम सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा अपने गेम का सॉफ्टवेयर तैयार करवाया है जो इसके पार्टनर भी हैं। इसी प्रकार की कंपनी कोलकाता और मुंबई में भी होने की जानकारी मिली है। जो कोच्चि केरल में आरोपी साथियों के द्वारा संचालित की जा रही है।
हर महीने 20 करोड़ रुपये का टर्नओवर
अभी तक के जांच में जो बात सामने आई है, उसके मुताबिक इनके संबंध कई विदेशी कंपनियों से भी हैं। गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस के सामने यह बात स्वीकारी है।आरोपी के अनुसार उसकी बनाई गई वेबसाइट से प्रतिमाह का 20 करोड़ के हिसाब से 240 करोड़ रुपये का वार्षिक टर्नओवर होता है। इन पैसों का ट्रांजेक्शन कई विदेशी बैंकों में भी होता था। जिसमें सिंगापुर के एक बैंक खाते में भी लेनदेन की जानकारी मिली है।
ऐसे हुआ खुलासा
25 अप्रैल 2019 को फरियादी धर्मेंद्र ने इंदौर के संजय शर्मा के खिलाफ गेम के जरिए एक लाख रुपये ठगी का आवेदन दिया था। जांच के बाद पुलिस ने आरोपी सिद्धार्थ चौरसिया, अरुण सोमन, लेस्ली थॉमसन और संजय शर्मा को आरोपी बनाया। इनमें से सिद्धार्थ को गिरफ्तार किया है। शेष आरोपी फरार हैं। इनके खिलाफ बगली थाने में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने गिरफ्तारी आरोपी के निशानदेही पर महाराष्ट्र के ठाणे और केरल के कोच्चि स्थित इनके ठिकानों से लैपटॉप, हार्डडिस्क और मोबाइल बरामद की है। पुलिस का यह भी मानना है कि इनके साथ कोई अंतरराष्ट्रीय गिरोह भी जुड़ा हुआ है।
एजेंट के जरिए लोगों को फंसाता
आरोपी सिद्धार्थ के लिए इंदौर में संजय शर्मा एजेंट का काम करता था। वह लोगों को गेम खेलने के लिए फंसाता था। जो लोग खेलने को इच्छुक होते उनके ईमेल आईडी पर सिद्धार्थ चौरसिया आईडी और पासवर्ड फॉरवर्ड कर देता था। उसके बाद एप्लीकेशन डाउनलोड कर गेम खेलना शुरू कर देते। जिस अंक पर लोग सबसे ज्यादा रुपये लगाते वह अंक लगता ही नहीं था। गेम खेलने वाले लोग लगातार पैसा हारते चले जाते।