ताजमहल के ये 10 राज़ जानकर आपको भी यकीन नहीं होगा - दसवाँ राज़ 99% लोग नहीं जानते

दुनिया के सात अजूबों का जिक्र होता है तो सबसे पहले ताजमहल का नाम आता है। जो इस दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारत में से एक है। इसका निर्माण मुगल साम्राज्य के शासक शाहजहां के द्वारा अपनी बेगम मुमताज की याद में करवाया गया था। भारत के लिए एक नयाब इमारत है पर कुछ ऐसी बातें हैं जो 95% लोग नहीं जानते हैं ताजमहल के बारे में। तो आईये जानते है इसके बारे में।



ताजमहल के बारे में 10 रोचक बातें :-


1) ताजमहल का निर्माण 1632 से लेकर 1653 तक ब का समय लगा था और इसे बनाने में कुल 32 मिलियन रुपए का खर्चा आया था। जिसकी वर्तमान समय 106.28 डॉलर बताई जाती है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस समय ताजमहल की कीमत डेढ़ लाख करोड़ है।




2) ऐसा कहा जाता है कि ताजमहल के मकबरे की छत पर एक छेद है पर सच तो यह है कि जब शाहजहां ने ताजमहल का निर्माण करने वाले मजदूरों के हाथों को काट देने की घोषणा की थी। तब शाहजहां से बदला लेने के लिए उन मजदूरों ने ताजमहल के मकबरे की छत पर एक छेद छोड़ दिया था ताकि यह इमारत ज्यादा लंबे समय तक नहीं टिक सके और आज भी इसी छेद की वजह से ताजमहल के अंदर हमेशा उमस बनी रहती है।



3) यमुना नदी अगर नहीं होती तो ताजमहल भी नहीं होता क्योंकि ताजमहल का आधार जिस लकड़ी पर खड़ा है। उस लकड़ी को मजबूत बनाए रखने के लिए नमी की जरूरत पड़ती है और वह नमी यमुना नदी से मिलती है।


4) ताजमहल के चारों मीनार एक-दूसरे की ओर झुके हुए हैं ताकि सुनामी और भूकंप के समय यह मीनार ताजमहल के गुबंद पर ना गिर जाए।



5) ताजमहल कुतुबमीनार से भी लंबा है। आपको बता दे कुतुब मीनार की लंबाई 72. 5 मीटर है । वही ताजमहल की कुल लंबाई 73 मीटर है।




6) दिन के अलग-अलग समय पर ताजमहल का रंग परिवर्तित होता रहता है। सुबह के समय का रंग गुलाबी होता है, वहीं शाम के समय इस रंग दूधिया सफेद होता है वही चांदनी रात के समय ताजमहल का रंग पीला होता है।



7) द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत और पाकिस्तान के युद्ध के समय भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने ताजमहल के गुबंद को बांस के घेरे लगाकर उस पर हरि चादर डाल थी ताकि लड़ाई के समय कोई लड़ाकू विमान ताजमहल को क्षति ना पहुंचा सके।



8) ऐसा कहा जाता है कि शाहजहां ने ताजमहल बनाने वाले करीगरों के हाथ कटवा दिए थे। ताकि वह इस प्रकार का और कोई भी इमारत ना बना सके पर शाहजहां अपने इस इरादे में नाकाम रहा था क्योंकि उस्ताद अहमद लाहौरी जो ताजमहल के ही एक कारीगर थे उनकी मदद से दिल्ली का लाल किला बनवाया गया था।



9) ताजमहल की कलाकृति में 28 तरह से नायाब पत्थरों को लगाया गया था और इन पत्थरों को चीन, तिब्बत और श्रीलंका से लाया गया था और यह बेहद कीमती पत्थर थे पर अंग्रेजों ने इन पत्थरों को निकाल लिया था।



10) शाहजहां का यह सपना था कि वह अपने लिए भी एक काला ताजमहल बनाए पर जब उसका बेटा औरंगजेब बादशाह बना तो उसने अपने ही पिता शाहजहां को कैद कर लिया । जिसके कारण उसका यह सपना कभी पूरा नहीं हो पाया।