नई दिल्ली। पूरी दुनिया में महामारी घोषित हो चुके कोरोना वायरस ने अब तक 27 लाख से अधिक लोगो को अपनी गिरफ में ले चूका हैं। इस वायरस की चपेट में आने से एक लाख 90 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना ने एक बार फिर अपना रूप बदल लिया है। अब अमेरिका में कोरोना मरीजों के खून को जमा कर उनकी जान ले रहा है। सिर्फ 1-2 जगहों से नहीं बल्कि 10 से अधिक अस्पतालों से इस तरह की रिपोर्ट आई है।
सूत्रों के अनुसार पता चला है कि यह वायरस इंसान के किडनी, फेफड़े और मस्तिष्क जैसे महत्वपूर्ण अंगों में खून के थक्के भी जमा देता है। इसे देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए। इसके साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि बार-बार शौचालय जाना भी कोरोना का वायरस से संक्रमित होने का संदेश हो सकता है। डॉक्टरों को ये समझ में नहीं आ रहा है कि मरीजों के शरीर में ऐसा क्यों हो रहा है। द वॉशिंगटन पोस्ट अखबार के एक आर्टिकल के अनुसार अटलांटा के इन 10 अस्पतालों के आईसीयू के प्रमुख डॉ. क्रेग कूपरस्मिथ ने बताया कि ये सब कैसे हो रहा है समझ नहीं आ रहा है और इसके मामले अब बढ़ते ही जा रहे हैं।
डॉ. कूपरस्मिथ के अनुसार अलग अलग अस्पतालों में इस तरीके से मरीज की मौत होने के प्रतिशत अलग अलग हैं। कहीं 20 तो कहीं 30 तो कहीं पर 40 फीसदी लोगों की जमायत खून जमने से हुई है।
डॉक्टर के अनुसार पहले तक वायरस का लोगों की जान लेने का अलग तरीका था। वायरस सिर्फ शरीर में फेफड़े, किडनी, लिवर, दिल, दिमाग और आंतों पर अपना असर दिखा रहा था लेकिन अब खून को जमाने का इसका तरीका एकदम नया है।
खून को पतला करने के लिए मरीजों को थिनर दिए जाते हैं लेकिन कोरोना संक्रमित मरीजों के शरीर में ये ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि पहले मरीजों के शरीर में ऑक्सीजन की कमी होती है और इसके बाद वे बेहोश हो जाते हैं और उनके खून में जो बदलाव हो रहे हैं उन्हें समझना भी नामुमकिन है।
एक मरीज के शरीर का पोस्टमार्टम करने पर पता चला कि उसके शरीर में खून के थक्के जम गए थे। दिल की नलियों, दिमाग की नसों में भी खून के थक्के थे जिस से दिमाग ने काम करना बंद कर दिया और उसकी मौत हो गई। एक मरीज की जान बचाने के लिए उसका दाहिना पैर काट कर अलग करना पड़ा क्योकिं उसके दाहिने पैर में खून जमना शरू हो गया था।
डॉक्टरों को समझ नहीं आ रहा है कि इस समस्या का समाधान कैसे करे। क्योकिं ना खून पतला करने का प्रोसीजर यहाँ काम आ रहा है या कुछ और। लेकिन ये वायरस दिनों दिन और भी भयावह रूप लेता दिखाई दे रहा है।